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पुराने समय में एक राजा ने अपने मंत्रियों को आदेश दिया कि इस संसार के अनुपयोगी जीव-जंतुओं की खोज करो। राजा के आदेश पर मंत्रियों ने बहुत दिनों तक खोज की। एक दिन मंत्रियों ने राजा को बताया कि इस संसार में जंगली मक्खियां और मकड़ियों का कोई उपयोग नहीं है। राजा ने सोचा कि जब इनका कोई उपयोग ही नहीं है तो इन्हें खत्म कर देना चाहिए। राजा ने मंत्रियों को ऐसा करने का आदेश दे दिया। अगले दिन पड़ौसी शत्रुओं ने राजा के महल पर आक्रमण कर दिया, उसके सभी सैनिक मारे गए।
शत्रुओं को महल में देखकर राजा को लगा कि इतने सैनिकों का मुकाबला कर पाना संभव नहीं है। इसीलिए वह अभी अपने प्राण बचाने चाहिए। ये सोचकर राजा महल के एक गुप्त मार्ग से जंगल की ओर भाग गया। शत्रु सैनिकों ने राजा को जंगल में भागते देख लिया और वे भी उसके पीछे दौड़ पड़े।
भागते-भागते राजा एक पेड़ के नीचे छिप गया। लगातार भागते रहने की वजह से वह थक गया। कुछ ही देर में उसे नींद आ गई। तभी एक जंगली मक्खी ने उसके चेहरे पर डंक मारा। राजा की नींद खुल गई, उसने देखा सैनिक आसपास ही हैं, यहां सोना सुरक्षित नहीं है। वह तुरंत उठा और एक छोटी सी गुफा में घुस गया। गुफा में वह सो गया। गुफा के द्वार पर मकड़ियों में जाला बुन दिया। कुछ देर में वहां शत्रु सैनिक पहुंच गए। उनके कदमों की आवाज से राजा की नींद खुल गई, लेकिन वह चुपचाप वहीं बैठा रहा।
गुफा के बाहर सैनिक बात कर रहे थे कि इस गुफा में भी राजा को खोजना चाहिए। तभी एक सैनिक ने कहा कि गुफा के द्वार पर मकड़ी का जाला बना हुआ है। अगर राजा अंदर जाता तो ये जाला यहां नहीं होता। अंदर छिपा हुआ राजा ये बातें सुन रहा था। जाला देखकर सैनिक वहां से आगे निकल गए।
प्रसंग की सीख
इस छोटी सी कथा की सीख यह है कि इस संसार में कोई भी जीव अनुपयोगी नहीं है। सभी का अपना अलग महत्व है। इस कथा में मक्खी ने डंक मारा, जिससे राजा को सचेत हो गया। मकड़ी ने गुफा के द्वार पर जाला बुन दिया था, जिससे शत्रु सैनिक भ्रमित हो गए और राजा बच गया। इस संसार में कोई भी जीव बेकार नहीं है। हर एक जीव कहीं न कहीं उपयोगी अवश्य है।
Jaya🌺🌻🌳🌹🥀🌼🌼🌷sri🌺.Radhe🌺
Right
राधे राधे
ÒM ÒM OM OM OM OM OM
JO ATYADHIK MAHATWAPURNA ADMI OUR NARI HOTE HAI SAHI KARYA SE KABHI NAHI THAKTE
WO HAMESHA SOCHTE RAHTE HAI KI SANSAR ME KYA KUCHH ACHCHHA KIYA JASAKTA HAI
SHIV SHARAN SHIV BARAN
BHARAT MATA KI JAI
MERA BHARAT MAHAN
ÒM OM OM OM OM OM OM
एक परमात्मा ही हैं जो सब में व्याप्त हैं इन्हीं के हाथों में है तोरना और निर्माण करना इनके बिना तो एक पत्तियाँ भी नहीं गीर सकता है।
Radhe Radhe Ji. Hum ko sabhi jeevo ka mahatav samjhana jaruri h.